BLOG POST 14: The SCHIZOPHRENIA (Part 02)


पिछले blog में SIMPLE | HEBEPHRANIC OR DISORGANIZED CATATONIC | PARANOID इन चार प्रकार के SCHIZOPHRENIC बीमारियों के बारे में जानकारी देने का प्रयास था। इस blog  में HEBEPHRANIC OR DISORGANIZED SCHIZOPHRENIA के अंतर्गत आते दुभंग व्यक्तिमत्व (SPLIT PERSONALITY या MULTIPLE PERSONALITY DISORDER के बारे में जानकारी देने का प्रयास होगा। इस मानसिक बीमारी की चलते मरीज खुद से और औरोंसे अपना मानसिक संबंध खो बैठते है। इस बिमारी के लक्षण HYSTERICAL DISASSOCIATION में भी पाए जाते है। फरक इतना ही है की HYSTERICAL DISASSOCIATION व्यक्तित्व पे ज्यादा गहरा आघात नहीं होता है। मरीज के व्यक्तित्व के महत्वपूर्ण घटक उसके मुख्य व्यक्तित्व से सिर्फ कुछ देर तक अलग हो जाते है लेकिन जल्द ही वापस भी आ जाते है। लेकिन SCHIZOPHRENIA के SPLIT या MULTIPLE PERSONALITY DISORDER के बिमारी में ये वापसी बहोत ही मुश्किल हो जाता है। 


ये भिन्न व्यक्तित्व का जन्म बचपन में घटी किसी अप्रिय घटना के चलते, या फिर मुख्य व्यक्तित्व को बाहरी दुनिया, दोस्त, परिवार से हद से ज्यादा मिला हुआ अवहेलनात्मक बर्ताव, अन्याय, अस्वीकार की वजह से होता है। इन चीजों से हुए आघात के जख्म कही न कही अंतर् मन बैठ जाते है जिसके वजह से इंसान का मुख्य व्यक्तित्व भी दब जाता है। अगर वही दमन( suppression) हद से ज्यादा हो जाए तो उसी इंसान के मन में वो दबा हुआ व्यक्तित्व एक अलग इंसान के रूप में उभर आता है। मुख्य व्यक्तित्व को इस नए जन्मे व्यक्तित्व के बारे मे पता हो भी सकता है या नहीं भी हो सकता है। 
एक व्यक्तित्व का दूसरे व्यक्तित्व से नाता हो भी सकता है और नहीं भी हो सकता है। अगर उसे पता हो तो कभी कभी मरीज अपने मुख्य व्यक्तित्व में दूसरे जन्मे व्यक्तित्व को देखकर उससे बाते करते है, उसे अपना हमदर्द, दोस्त समझ बैठते है। जो चीजे वो इंसान अपने मुख्य व्यक्तित्व के जरिये नहीं कर पाता है वो सारी चीजे उसके मन और दीमाग में जन्मे नए व्यक्तित्व के जरिये वो आसानी से बिंदीक्कत करने लगता है। लेकिन ये एक प्रकार का HALLUCINATION  होता है। अगर मरीज को अपने दूसरे जन्मे व्यक्तित्व के बारे में पता न हो तो उस इंसान का दूसरा व्यक्तित्व क्या कर रहा है इसके बारे में उसे कुछ पता नहीं होता है। 


हमेशा ये कहा जाता है की इंसान के दो मन होते है। सजग मन और अंतर्मन। ये भी कहा जाता है, इंसान में सकारात्मक और नकारात्मक, दो प्रकार की सोच होती है। कही ना कही दुभंग व्यक्तित्व का यही आधार हो सकता है। किसी भी घटना या परिस्थिती को इंसान सकारात्मक और नकारात्मक तरिके से देखता है। तो अगर एक व्यक्तित्व सकारात्मक सोंच रखता है तो दुसरा व्यक्तित्व नकारात्मक सोच रखता है। कही किसी समय पर, दोनों में से एक व्यक्तित्व की सोच, दूसरे वयक्तित्व पर भारी हो जाती है, तो दुभंग व्यक्तित्व का जन्म हो सकता है। जब इंसान को लगता है की उसका मुख्य व्यक्तित्व बाहरी दुनिया की अपेक्षा, स्पर्धा, उनकी मान्यता के कसौटी पर उतर नहीं पा रहा है तो मानसिक तौर पर उसके दिमाग में एक अजीबो गरीब दवंद्व शुरू हो जाता है। इसमें उसका मुख्य व्यक्तित्व ये सारी बाहरी दुनिया की अपेक्षा पूरी करने से कतराता है, डरता है लेकिन दुसरा व्यक्तित्व वो सारी चीजे बिनदीक्कत 
करने की चाह रखता है। यही बात अगर बार बार होने लगे या हद से बाहर हो जाए तो उसी इंसान का दुसरा व्यक्तित्व उस के मुख्य व्यक्तिमत्व पर हावी हो जाता है और दुनिया के सामने वही इंसान एक अलग व्यक्तित्व के साथ पेश होता है। दुनिया को बाहरी रूप से वो इंसान अलग नहीं लगता लेकिन उसके बात करने का ढंग, उसका बर्ताव, उसके हाव भाव, उसके हालचाल बिलकुल भी विपरीत हो चुके होते है। 

आश्चर्य की बात है की दुभंग व्यक्तित्व (Split Personality) के व्यक्ति के दिमाग या मन में दो से लेकर अनगिनत व्यक्तित्व बस सकते है। एक ही इंसान में हर व्यक्तित्व एक अलग नाम, पहचान, इतिहास और विशेषताएं लेकर बसता है।  दुभंग व्यक्तित्व (Split Personality) और अन्तरंग मित्र (Alter Ego) को अक्सर एक सा मान जाता है जो बिलकुल भी गलत है। हर इंसान के मन में बसा अन्तरंग मित्र  (Alter Ego) बचपन से उसके सामान्य विकास का एक भाग होता है। व्यक्तित्व विकार (Personality Disorder) वक्त, परिस्थति, घटनाओं के चलते इंसान में विकसित होता है। अन्तरंग मित्र (Alter Ego) के चलते इन्सान अपने पसंद से अपने व्यक्तित्व और बर्ताव में बदल करता है लेकिन दुभंग व्यक्तित्व (Split Personality) में उसे ये बदलाव ज्ञात(knowledge) ही नहीं होता। एक व्यक्तित्व में होते हुए उसे दूसरे व्यक्तित्व के बार में कुछ याद ही नहीं होता। दुसरा व्यक्तित्व उस इंसान के मुख्य व्यक्तित्व केलिए एक अनजान इंसान की तरह होता है। 

फिल्म लेखकों केलिए तो दुभंग व्यक्तित्व (Split Personality) हमेशा से ही एक पसंदीदार विषय रह चुका है।


हॉलीवुड निर्देशक Manoj Night Shyamalan ने अपने 2016 में प्रदर्शित फिल्म SPLIT में उसके मुख्य किरदार Kevin को 23 Personality Disorders से पीड़ित मरीज दिखाया है। 

American Dark Comedy फिल्म American Psycho में नर्देशक ने अपने मुख्य किरदार को Misunderstood Personality Disorder का शिकार बताया है। 

तमिल निर्देशक SHANKAR ने अपने फिल्म अन्नियान (हिंन्दी में अपरिचित) में अपने मुख्य किरदार को Personality Disorders से पीड़ित दिखाया है। 

हिंदी फिल्म Kartik Calling Kartik में 
मुख्य किरदार आत्म काल्पनिक Alter Ego का पीड़ित मरीज दिखाया गया है। 


इन सारी फिल्मों के मुख्य किरदार, अपने मुख्य व्यक्तित्व रूप में सामाजिक, परिवारिक और व्यक्तिगत तौर पर कही न कही अवहेलना, अन्याय और अस्वीकार के शिकार बने हुए दिखाए है। और फिर इनमे पैदा हुए नए व्यक्तित्व के जरिये सारे किरदार उनके मुख्य व्यक्तित्व पर हुए अन्याय का बदला लेकर मद्त करते है। 


SPLIT
का किरदार सं 1955 में जन्मे Billy Mulligan पर आधारित है। Billy Mulligan, 24 personality disorders का मरीज था और वो American Legal History  में पहला ऐसा गुनेहगार था जिसे उसकी मानसिक अवस्था की बजह से सारे गुनहोंसे बरी करके पागलखाने में भरती कर दिया गया था।    
 

एक इंसान में 23 व्यक्तित्व का बसना, अतिश्योक्ति लग सकती है लेकिन research के अनुसार मनोविज्ञान में इंसानो में 23 से ज्यादा भी व्यक्तित्व पाए जाने के cases दर्ज है। 


विदेश में बसी BAFTA नामांकित हास्य अभिनेत्री 
Kim Nobel  में100 व्यक्तित्व बसा करते थे। Kim Nobel: The Woman with 100 Personalities से भी मशहूर है।
 
उन्होंने All Of Me इस किताब में सारे 100 व्यक्तित्वों को अपनाकर उनके साथ जीने का अनुभव प्रस्तुत किया है। 

Oprah Winfrey Show में Kim Nobel पर चित्रित हुए interview को निचे दिए Youtube Link पर जरूर देखे।

वैसे तो दुभंग व्यक्तित्व (Split Personality) का कोई भी इलाज मनोविज्ञान में निर्देशित नहीं है लेकिन CBT (Cognitive Behavioral Therapy) से इस मानसिक बिमारी को निश्चित काबू किया जा सकता है। जरूरी है की किसी भी मनोविकार की तरह इस मनोविकार से पीड़ित मरीज की अवस्था का, उसके आस पास के लोग, परिवार और दोस्तों द्वारा स्वीकार करना और उसे इलाज केलिए तयार करना।

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अगले blogs  में भी ऐसी ही अलग अलग मनोविकार और मनोवस्थाओं के बारे में जागरूकता हेतु जानकारी देने का प्रयास रहेगा। उसी हेतु से पढ़ते और share करते रहिये। अगले blog तक stay safe and healthy, MENTALLY & PHYSICALLY 😊.
-(KD Blogs)
✍©कुणाल देशपांडे। 

Comments

  1. Bahut badhiya...!!!
    Details bade acche se cover karte ho bhai.
    GOD BLESS YOU.

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  2. नेहमी प्रमाणेच खूप study करून लेख लिहिला आहे .बऱ्याच माहिती नसलेल्या गोष्टी समजल्या. वाचताना उत्सुकता वाटते .एकूण छान लिहिले आहेस .ःः

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