BLOG POST 15: The KLEPTOMANIA (A Stealing Disorder)

KLEPTOMANIA एक अजीबोगरीब मानसिक विकार है जिसमे मरीज को अनजाने में चीजे चोरी करने या उठाने की आदत होती है। ज्यादातर मन में उठते आवेग (impulse) को काबू न कर पाने वाले इंसानों में ये मानसिक बिमारी पायी जाती है । इसीलिए इसका वर्गीकरण मानवी  भावना और  व्यवहारों पर काबू रखना मुश्किल होने वाली,  Impulse Control Disorder के अंतर्गत किया जाता है। इसे आवेगी व्यवहार (impulsive behaviour) का लक्षण भी माना जाता है। इस व्याधि के चलते मरीज को प्रलोभन और खुद के लिए या औरों केलिए खतरा पैदा करने वाले किसी भी व्यवहार करने की चाह को काबू करना मुश्किल हो जाता है। 

DSM (Diagnostic and Statistics Manual) के अनुसार KLEPTOMANIA के मरीज  कभी भी नफा या कोई भी आर्थिक या भौतिकवादी (materialistic) चाहत की वजह से बिलकुल भी  चोरी नही करते है । KLEPTOMANIA एक ऐसी मानसिक बीमारी है जो मनुष्य के व्यवहार (behavioural addiction ) से जुड़े एक अजीब व्यसन है। इस बीमारी के चलते मरीज चीजे को चुराने की या उठाने की चाहत को काबू नही कर पाते है। मरीज किसी चोर की तरह चुराई हुई चीजे कही जाकर बेचकर पैसे नहीं कमाता है या ऐसा भी नहीं होता है की वो चीज खरीदने की उनकी आर्थिक हैसियत नही होती है। इस बीमारी के मरीज अच्छे खासे अमीर भी होते है।


KLEPTOMANIA की कुछ विशेषताए:
०१) जुआ खेलने और शराब के व्यसन जैसे ही Shop lifting भी एक व्यसन है। 
०२) मरीज के अंतर्मन में काबू न होने वाली एक चाहत पैदा होती है।
०३) इस मनोवस्था में की गई चोरिया किसी भी योजना या किसी की मद्त या सहयोग से नही की जाती है। 
०४) चोरी करने की चाहत कम ज्यादा तीव्रता से मन और दिमाग मे उठती रहती है। 
०५) KLEPTOMANIA के मरीज दुकान, mall या किसी पार्टी के इलावा, दोस्त, रिश्तेदार, सहयोगीयों की चीजे भी चुरा सकते है। ०६) चोरी की हुई चीजें बाद में मरीजों द्वारा ही खराब करके फेंक दी जाती है या किसी को दान की जाती है या चुपके से वापस भी की जाती है। 
०७) कई बार चोरी करने के बाद पश्चाताप की वजह से मरीज चुरायी या उठायी चीजों को वापस करने की हिम्मत भी रखते है क्योंकि वो किसी भी फायदे केलिए चीजे चोरी नहीं करते है।


KLEPTOMANIA के कुछ लक्षण:
०१) चोरी करने की चाहत को काबू नहीं कर पाना।
०२) बढ़े हुए तनाव, चिंता या उत्तेजना के कारण चोरी करना।
०३) चोरी करते समय खुशी, राहत या संतुष्टि महसूस करना।
०४) चोरी के बाद अपराध, पछतावा, आत्मघृणा, शर्म या गिरफ्तारी का डर महसूस करना।
०५) KLEPTOMANIA के चक्र की या चोरी करने की चाह की वापसी का तनाव।


KLEPTOMANIA से जुड़े कुछ जोखिम भरी संभावनाए :
०१) KLEPTOMANIA एक असामान्य व्याधि है। मरीज ज्यादातर इलाज केलिए सामने नहीं आते है पर लगातार दोहराती चोरियों के चलते उन पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है या उन्हें जेल भी हो सकती है। 
०२) KLEPTOMANIA ज्यादातर किशोर अवस्था (teenage) में उत्पन्न हो सकता है जो फिर आगे मध्यम वय (middle age) अवस्था तक जारी हो सकता है।
०३) Research के अनुसार KLEPTOMANIA के मरीजों में २/३ संख्या औरतों की है।
०४) कोई नजदीकी रिश्तेदार, माता-पिता, भाई-बहन या अनुवंशिकता से भी ये मानसिक बिमारी हो सकती है। । 
०५) OCD (Obsessive Compulsive Disorder) या Substance Use Disorder जैसे शराब, marijuana या nicotine के व्यसन से पीड़ित मरीज, KLEPTOMANIA के शिकार हो सकते है।
०६) Bipolar Disorder, Anxiety Disorder, Eating Disorder या Personality Disorder  के मरीज भी KLEPTOMANIA के शिकार हो सकते है। 
०७) KLEPTOMANIA से पीड़ित मरीज जुआरी भी बन सकते है।   

इस बिमारी से पीड़ित मरीज, शर्म की वजह से वैद्यकीय उपचार करवाने से कतराते है। उन्हें पकड़े जाने से या गिरफ्तारी से डर  लगता है। वैसे तो KLEPTOMANIA का कोई इलाज नहीं है। इस बिमारी के जरा भी लक्षण दिखाई देने के तुरंत बाद, मनोचिकित्सा (psychotherapy) की मद्त से अनिवार्य चोरी के चक्र की चाह को काबू में करने का प्रयास किया जा सकता  है। जिसके वजह से इस व्याधि से पीड़ित मरीज आगे चलकर गंभीर स्वरूप से कानूनी कारवाही में फंसने से बच सकते है। कुछ मरीज कानूनी कारवाही होने पर कानूनी निर्देश की वजह से इलाज करवाते है। किसी नजदीकी रिश्तेदार, दोस्त या परिवार के किसी इंसान में KLEPTOMANIA के लक्षण दिखाई देने पर, उनसे शान्ति से बात कर के, उन्हें किसी भी तरह का पश्चाताप या शर्म महसूस करवाये बिना अपनी इस बिमारी का अहसास उन्हें करवाना जरूरी है।

KLEPTOMANIA के मरीज के साथ व्यवहार करते समय निचे दिए कुछ चीजों की एहतियात रखना जरूरी हो सकता है:
०१) मरीजों के साथ दया से पेश आना जरूरी है। 
०२) जितना हो सके उतनी समझदारी और संयम का व्यवहार रखना जरूरी है। 
०३) उनकी बिमारी के बावजूद उन्हें ये महसूस करवाना जरूरी है की आप उनके साथ है और उनकी परवाह करते हो। 
०४) उनकी बिमारी की वजह से होने वाले परिणाम की वजह से आप भी उनके लिये चिंतित है और इसीलिए आप उनकी मद्त करना चाहते है ।  

हमे ये जानना जरूरी है की KLEPTOMANIA कोई चरित्र दोष नहीं है पर किसी भी अन्य मानसिक बिमारी की तरह एक मानसिक बिमारी ही है। तो जैसे किसी भी मानसिक बिमारी से पीड़ित व्यक्ति को मानसिक आधार देकर ठीक किया जा सकता है वैसे ही KLEPTOMANIA से पीड़ित इंसान को भी प्यार, विश्वास और सहारे से इलाज केलिए निश्चित तयार  किया जा सकता है।

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अगले blogs  में भी ऐसी ही अलग अलग मनोविकार और मनोवस्थाओं के बारे में जागरूकता हेतु जानकारी देने का प्रयास रहेगा। उसी हेतु से पढ़ते और share करते रहिये। अगले blog तक stay safe and healthy, MENTALLY & PHYSICALLY. 😊
-(KD Blogs)
✍©कुणाल देशपांडे। 

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