BLOG POST 16: The POSTPARTUM DEPRESSION


बच्चे का जन्म उत्साह और खुशी से लेकर भय और चिंता तक,  अलग अलग भावनाओं को उत्तेजित कर सकता है।  इसका परिणाम कभी कभी उम्मीद से बिलकुल भी परे हो सकता हैं | विश्वास करना मुश्किल हो सकता है लेकिन बच्चे की delivery  के बाद महिलाये, mood  swings  और hormonal  changes  की वजह से DEPRESSION के शिकार हो सकती है। इस अवस्था को मनोवैज्ञानिक भाषा में POSTPARTUM DEPRESSION कहा जाता है। आज का blog इसी मानसिक स्थिति के बारे में जानकारी और जागरूकता हेतु पेश करने का प्रयास है। 

अधिकांश नयी बनी माताओं को delivery के बाद "BABY BLUES POSTPARTUM" का अनुभव होता है, जिसमें आम तौर पर मिजाज में चढ़ उतार, बिना वजह के रोना आना, चिंता और सोने में कठिनाई जैसी तकलीफे  होती है। Delivery के बाद BABY BLUES आम तौर पर पहले दो से तीन दिनों के भीतर शुरू होते हैं, और दो सप्ताह तक चल सकते हैं।
लेकिन कुछ नए माताओं में यही BABY BLUES  अधिक गंभीर, लंबे समय तक चलने वाला रूप भी ले सकते है और इसी लंबे समय तक चलने वाले मानसिक अवस्था को POSTPARTUM DEPRESSION कहा जाता है।  शायद ही कभी,  बच्चे के जन्म के बाद, POSTPARTUM PSYCHOSIS नामक एक extreme mental ailment भी कुछ महिलाओं में   विकसित होते हुए दिखाई दिया है।

POSTPARTUM DEPRESSION कोई चरित्र दोष या कमजोरी नहीं है।  कभी-कभी यह सिर्फ बच्चे की जन्म देते समय होने वाली एक जटिलता हो सकती है।  यदि महिलाओं को POSTPARTUM DEPRESSION  का अहसास होता है, तो शीघ्र उपचार उनके लक्षणों को प्रबंधित करने में काम आ सकते है। जिससे जल्द से जल्द मानसिक तौर पर तंदुरुस्त होने पर महिलाये अपने बच्चे के साथ, प्यार भरे बंधन में जुड़ सकते है।

बच्चे के जन्म के बाद depression के संकेत और लक्षण भिन्न होते हैं, और वे हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं।

BABY BLUES के कुछ लक्षण:
• मिजाज़ में चढ़ उतार। 
• बेवजह की चिंता।
• उदासीनता।
• चिड़चिड़ापन।
• घबराहट महसूस होना।
• बेवजह का रोना आना। 
• एकाग्रता में कमी। 
• भूख की समस्या। 
• नींद न आना। 

POSTPARTUM DEPRESSION और BABY BLUES में गलतफहमी भी हो सकती है। वैसे तो POSTPARTUM DEPRESSION के संकेत और लक्षण अधिक तीव्र और लंबे समय तक रहते हैं, और अंततः बच्चे की देखभाल करने और अन्य दैनिक कार्यों करने की महिलाओंकी क्षमता में हस्तक्षेप कर सकते हैं।  इसके लक्षण आमतौर पर जन्म देने के बाद पहले कुछ हफ्तों के भीतर विकसित होते हैं, लेकिन गर्भावस्था के दौरान - या बाद में या बच्चे के जन्म के एक साल बाद तक शुरू रह सकते हैं।

POSTPARTUM DEPRESSION के कुछ संकेत और लक्षण:
• उदास मानसिकता या गंभीर मिजाज।
• तीव्र चिड़चिड़ापन और गुस्सा। 
• अत्याधिक रोना।
• बच्चे के साथ मुश्किल संबंध।
• परिवार और दोस्तों से दुरी बनाना ।
• भूख कम लगना या सामान्य से अधिक खाना।
• सोने में असमर्थता या बहुत अधिक सोना।
• थकान या ऊर्जा की कमी महसूस होना। 
• जिन गतिविधियों का आप आनंद लेते थे, उनमें रुचि और आनंद कम हो जाना। 
• अच्छी माँ साबित न होने की चिंता और डर सताना।
• अपने या अपने बच्चे को नुकसान पहुँचाने के विचार।
• निराशा।
• मूल्यहीनता, शर्म, अपराध की भावना।
• स्पष्ट रूप से सोचने, ध्यान केंद्रित करने या निर्णय लेने की क्षमता कम हो जाने का अहसास होना। 
• बेचैनी। 
• गंभीर चिंता और घबराहट के दौरे पड़ना। 
• मृत्यु या आत्महत्या तक के विचार मन में पैदा होना। 

अनुपचारित, POSTPARTUM DEPRESSION कई महीनों या उससे अधिक समय तक रह सकता है।

POSTPARTUM PSYCHOSIS एक दुर्लभ स्थिति है, जो आम तौर पर delivery के बाद पहले सप्ताह के भीतर विकसित होती है। इसके संकेत और लक्षण गंभीर हो सकते हैं। जीवन में हिंसक विचारों या व्यवहारों को जन्म दे सकता है और तुरंत उपचार की आवश्यकता होती है। 

ध्यान देने लायक कुछ संकेत और लक्षण :

• भ्रम और भटकाव। 
• अपने बच्चे के बारे में जुनूनी विचार। 
• मतिभ्रम और भ्रम। 
• निद्रा संबंधी परेशानियां।
• अत्यधिक ऊर्जा और आंदोलन। 
• पागलपन। 
• अपने आप को या अपने बच्चे को नुकसान पहुंचाने के प्रयास। 


Research के अनुसार नए नए बने पिता भी POSTPARTUM DEPRESSION के शिकार होते पाए गए है। महिलाओं की तरह, पुरुष भी उदास या थका हुआ महसूस कर सकते हैं, घबराहट महसूस कर सकते हैं, चिंता का अनुभव कर सकते हैं, या उनके सामान्य खाने और सोने के तरिको में बदलाव हो सकते हैं। 

पिता, जो युवा हैं, depression का इतिहास रखते हैं, रिश्ते की समस्याओं का अनुभव करते हैं या आर्थिक रूप से संघर्ष कर रहे हैं, ऐसे पिताओँ में POSTPARTUM DEPRESSION का सबसे अधिक खतरा होता है।  पिता में विकसित होते POSTPARTUM DEPRESSION को PATERNAL POSTPARTUM DEPRESSION भी कहा जाता है। पार्टनर के रिश्तों और बाल विकास पर उतना ही नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है जितना माताओं में POSTPARTUM DEPRESSION का पड़ता है। वैसे तो माताओं को प्रदान किए गए POSTPARTUM DEPRESSION के उपचार और समर्थन, पिता में POSTPARTUM DEPRESSION के इलाज में भी फायदेमंद हो सकते हैं।

POSTPARTUM DEPRESSION होने की कुछ वजह:

POSTPARTUM DEPRESSION का कोई एक कारण नहीं है, लेकिन शारीरिक और भावनात्मक मुद्दे कुछ हद तक वजह बन सकते हैं।

शारीरिक बदलाव: बच्चे के जन्म के बाद, महिलाओं के शरीर में हार्मोन (Astrogen और Projesteron) में एक नाटकीय गिरावट POSTPARTUM DEPRESSION उत्पन्न होने की वजह बन सकती है। महिलाओं की Thyroid Gland द्वारा निर्मित अन्य hormone भी तेजी से गिर सकते हैं, जो उनको थका हुआ, सुस्त और उदास महसूस करा सकते हैं।

भावनात्मक मुद्दों: जब महिलाये नींद से वंचित होती हैं, तो उन्हें मामूली समस्याओं से निपटने में भी परेशानी हो सकती है।  नवजात शिशु की देखभाल करने की उनकी क्षमता के बारे में वे चिंतित हो सकती हैं। वे खुद को कम आकर्षक महसूस कर सकती हैं, अपनी पहचान की भावना के साथ संघर्ष या अपने जीवन पर नियंत्रण खो देने की भावना महसूस कर सकती हैं। इन मुद्दों में से कोई भी POSTPARTUM DEPRESSION में योगदान कर सकता है।

POSTPARTUM DEPRESSION से जुड़े कुछ जोखिम:

• महिलाओं के पास depression का इतिहास हो, या तो गर्भावस्था के दौरान या अन्य किसी समय या वजह से depression के शिकार हुए हो।
• अगर वे bipolar disorder की मरीज है। 
• अगर पिछली गर्भावस्था के बाद उन्हें POSTPARTUM DEPRESSION का अनुभव हुआ हो।
• अगर महिलाओं के नजदीकी परिवार के किसी सदस्य को depression या अन्य moods संबंधित विकार हो। 
• अगर महिलाओं  ने पिछले वर्ष के दौरान तनावपूर्ण घटनाओं का अनुभव किया हो, जैसे कि गर्भावस्था की जटिलताए, बीमारी या नौकरी की हानि का तनाव। 
• महिलाओं को स्तनपान कराने में कठिनाई होती हो। 
• अपने जीवनसाथी के साथ संबंधों में समस्या होना।  
• मानसिक या आर्थिक कमजोर आधार प्रणाली। 
• अनियोजित या अनचाही गर्भावस्था। 


POSTPARTUM DEPRESSION से जुडी कुछ जटिलताए:

अनुपचारित POSTPARTUM DEPRESSION, माँ-बच्चे के बंधन में बाधा डाल सकता है और पारिवारिक समस्याओं का कारण बन सकता है।

माताओं के लिए: अनुपचारित POSTPARTUM DEPRESSION महीनों या उससे अधिक समय तक रह सकता है यहां तक ​​कि एक महिला के भविष्य के प्रमुख depression के श्रृंखला के खतरे का कारण बन सकता है।

पिता के लिए: POSTPARTUM DEPRESSION का एक लहर प्रभाव हो सकता है, जिससे हर किसी के लिए भावनात्मक तनाव पैदा हो सकता है। जब एक महिला नई माँ बनने के बाद delivery की वजह से उदास महसूस करती है, तो बच्चे के पिता में depression का खतरा भी बढ़ सकता है। 

बच्चों के लिए: POSTPARTUM DEPRESSION से ग्रस्त माताओं की संतान को भावनात्मक और व्यवहार संबंधी समस्याएं, जैसे नींद और खाने में कठिनाई, अत्यधिक रोना और भाषा के विकास में देरी की संभावना होती है।

POSTPARTUM DEPRESSION के निवारण केलिए कुछ उपाय :

यदि मरीजों के पास depression का इतिहास है - विशेष रूप से अगर POSTPARTUM DEPRESSION का इतिहास हो - तो उन्हें  अपने गर्भवती होने की योजना के बारे में या गर्भवती होने की खबर समझने के बाद तुरंत सावधानता हेतु अपने चिकित्सक को बताना जरूरी है। 

• गर्भावस्था के दौरान, आपका डॉक्टर depression के चिन्ह और लक्षण पर निगरानी रख सकते हैं। गर्भवस्था के दौरान
 डॉक्टर मरीज के साथ depression screening questionnaire की प्रक्रिया पूरी कर सकती है।  कभी-कभी हल्के depression को support groups, counseling या अन्य उपचारों के साथ प्रबंधित किया जा सकता है।  अन्य मामलों में, गर्भावस्था के दौरान भी antidepresant या psycho therapy का सुझाव दिया जा सकता है।

• बच्चे के जन्म के बाद, डॉक्टर सावधानता के हेतु से POSTPARTUM DEPRESSION के संकेत और लक्षणों की जाँच के लिए स्क्रीन पर postpartum checkup की सलाह दे सकते है।  जितने जल्दी इसका निदान हो सके उतने जल्दी इसका इलाज भी शुरू हो सकता है।  यदि मरीज के पास POSTPARTUM DEPRESSION का इतिहास है, तो डॉक्टर delivery के तुरंत बाद antidepressant therapy या psycho therapy की सिफारिश कर सकते है।

मनोचिकित्सक  को दिखाना कब जरूरी हो सकता है:
यदि नए नए बने पिता अपने बच्चे के जन्म के बाद या अपने बच्चे के जन्म के बाद पहले वर्ष में depression या anxiety के लक्षणों का सामना कर रहे हैं, उन्हें अगर BABY BLUES की उदासिनता या POSTPARTUM DEPRESSION के किसी भी लक्षण का अनुभव होता है तो इसे स्वीकार करने केलिए वे अनिच्छुक या शर्मिंदा भी हो सकते हैं। लेकिन  ज्यादा वक्त न जाया करते हुए जल्द से जल्द अपने health care professional से बात करना बहोत जरूरी होता है। 

यदि नए नए बने माता पिता को BABY BLUES या POSTPARTUM DEPRESSION के चलते तीव्र चिंता या मानसिक तनाव की वजह से आत्महत्या के विचार आते हो या उनके  बच्चे को नुकसान पहुंचाने के विचार आते हो, तो तुरंत अपने बच्चे की देखभाल करने में अपने साथी या प्रियजनों की मदद लें और मदद पाने के लिए अपने स्थानीय आपातकालीन सहायता नंबर पर कॉल करें।

किसी मित्र या प्रियजन की मदद करना:
किसी भी Depression में होने वाले  मरीजों को अपनी मानसिक अवस्था का अहसास नहीं होता या उनको स्वीकार नाही होता कि वे उदास हैं।  वे depression के लक्षणों से अवगत नहीं हो सकते हैं।  यदि हमे संदेह हो कि हमारे किसी मित्र या प्रियजन को POSTPARTUM DEPRESSION है या POSTPARTUM PSYCHOSIS विकसित हो रहा है, तो उन्हें तुरंत चिकित्सा सहायता लेने में मदद करें।  प्रतीक्षा न करें और सुधार की आशा करें।

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अगले blogs  में भी ऐसी ही अलग अलग मनोविकार और मनोवस्थाओं के बारे में जागरूकता हेतु जानकारी देने का प्रयास रहेगा। उसी हेतु से पढ़ते और share करते रहिये। अगले blog तक stay safe and healthy, MENTALLY & PHYSICALLY. 😊

-(KD Blogs)
✍©कुणाल देशपांडे। 

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